अमित जोशी (संपादक )
सतपुड़ा खबर,8962184030
ये है हमारी पुलिस!
न धाराओं की जानकारी, न बीट का पता—लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाईटीआई सहित 15 पुलिसकर्मी अटैच, ट्रेनिंग में पास हुए तभी मिलेगा थाना प्रभार
सतपुड़ा खबर : माइक्रो बीट सिस्टम को सही तरीके से लागू न करने और लापरवाही बरतने पर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने सख्त कार्रवाई की है। पंढरीनाथ थाने के टीआई कपिल शर्मा सहित 15 पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग के लिए तीन दिन तक डीसीपी ऑफिस में अटैच किया गया है। अब ये सभी पुलिसकर्मी सुबह 11 से शाम 5 बजे तक ट्रेनिंग लेंगे और शाम को थाना भी संभालेंगे। यदि अंतिम दिन होने वाले टेस्ट में 50 प्रतिशत अंक नहीं लाए, तो इन्हें थाने में नहीं भेजा जाएगा।
क्यों हुई कार्रवाई?पुलिस कमिश्नर ने सोमवार रात औचक निरीक्षण किया, जिसमें पंढरीनाथ थाने के पुलिसकर्मियों में ब्रिजिंग गैप (संवाद और कार्यशैली की कमी) पाई गई। जब अधिकारियों ने थाने के स्टाफ से माइक्रो बीट सिस्टम की जानकारी ली, तो एक एएसआई यह तक नहीं बता सका कि उसकी बीट में कौन-कौन सिपाही है। यानी पुलिसकर्मियों को अपने साथियों की भी जानकारी नहीं थी। इसके अलावा, शिकायतों के निपटारे में भी अनियमितता पाई गई।
थाने में आने वाली शिकायतों पर जनता से संवाद और त्वरित समाधान कैसे किया जाए, इस पर भी पुलिसकर्मियों की दक्षता पर सवाल उठे। इन सभी खामियों को देखते हुए, पूरे स्टाफ के लिए विशेष ट्रेनिंग अनिवार्य कर दी गई।
क्या सिखाया जाएगा ट्रेनिंग में?डीसीपी जोन-4 ऋषिकेश मीना के अनुसार, प्रदेशभर में हाल ही में माइक्रो बीट सिस्टम लागू किया गया है, लेकिन इंदौर में इसे दो महीने पहले ही लागू कर दिया गया था। इस सिस्टम के तहत हर मोहल्ले का इंचार्ज एक सिपाही को बनाया जाता है। टीआई कपिल शर्मा को यह सिस्टम कई बार समझाया गया, लेकिन सही तरीके से लागू नहीं हो सका। इसके अलावा, कई पुलिसकर्मियों को बीएनएस की धाराओं की जानकारी नहीं थी। इसलिए उनके लिए एक विशेष ट्रेनिंग सेशन तैयार किया गया है।
प्रशिक्षण में किन अधिकारियों की क्या भूमिका होगी?डीसीपी जोन-4 ऋषिकेश मीना: थाना मैनेजमेंट और माइक्रो बीट सिस्टम पर कार्यशैली सिखाएंगे।
एडिशनल डीसीपी आनंद यादव: एफआईआर, रिपोर्ट लेखन, जांच प्रक्रिया और चालान डायरी लिखने की तकनीक सिखाएंगे।
एसीपी हेमंत चौहान: पुलिस रेगुलेशन और थाने की दैनिक कार्यवाही का प्रशिक्षण देंगे।
एसीपी प्रियंका डुडवे व सोनू डाबर: महिला अपराध से जुड़ी विवेचना और चालान पेश करने की प्रक्रिया सिखाएंगे।
एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह: थाना प्रबंधन और प्रशासनिक कार्यों पर मार्गदर्शन देंगे।
कैसे होगा मूल्यांकन?तीन दिन की ट्रेनिंग के बाद गुरुवार दोपहर 2:30 से 4 बजे तक परीक्षा होगी। इसमें पासिंग मार्क्स 50% निर्धारित किए गए हैं। जो पुलिसकर्मी इस परीक्षा में असफल होंगे, उन्हें थाने में वापस नहीं भेजा जाएगा।
थाने का काम कैसे चलेगा?ट्रेनिंग के दौरान थाने के प्रबंधन के लिए एसएसआई को टीआई का प्रभार सौंपा गया है। हालांकि, अटैच किए गए पुलिसकर्मी शाम को अपनी ड्यूटी निभाएंगे।
कम अपराध के बावजूद जनता की सुनवाई नहीं!पुलिस अधिकारियों की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि पंढरीनाथ थाने पर अपराध का लोड अन्य थानों की तुलना में कम है। यहां मुख्य रूप से लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े मामले आते हैं। इसके बावजूद आम जनता को सही सुनवाई नहीं मिल रही थी। कई छोटे-मोटे मामलों में भी लोग पुलिस अफसरों तक शिकायत लेकर जा रहे थे।
इस कार्रवाई के बाद पुलिस की कार्यशैली में सुधार की उम्मीद की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि यदि इस मॉडल से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं, तो इसे अन्य थानों में भी लागू किया जा सकता है।
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