अमित जोशी ( संपादक ) सतपुड़ा खबर, 8962184030
6000 करोड़ का नया कर्ज: कमलनाथ ने सरकार पर साधा निशाना,बोले- ‘इवेंटबाजी और फिजूलखर्ची नहीं रुकी’
भोपाल। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 6000 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेने की तैयारी को लेकर कांग्रेस ने कड़ा हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि निरंतर बढ़ते कर्ज के बावजूद इवेंटबाजी और फिजूलखर्ची जारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रदेश की जनता इस आर्थिक कुप्रबंधन के लिए सरकार को कभी माफ नहीं करेगी।
कमलनाथ बोले- ‘प्रदेश कर्ज के दलदल में डूबता जा रहा’
कमलनाथ ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा:
"मध्य प्रदेश लगातार कर्ज के दलदल में फंसता जा रहा है। अब तक प्रदेश पर 4.10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ चुका है और अब सरकार 18 फरवरी को 6000 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेने वाली है।"
उन्होंने आगे कहा कि सरकार की लगातार कर्ज लेने की नीति प्रदेश को गंभीर वित्तीय संकट की ओर धकेल रही है।
‘सार्वजनिक संपत्तियां बेचकर कर्ज चुकाना गलत नीति’
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि सरकार सार्वजनिक संपत्तियों को बेचकर या लीज पर देकर धन जुटाने का प्रयास कर रही है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को सही दिशा में संचालित किया जाए, तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।
जीतू पटवारी का हमला- ‘प्रदेश को और कर्जदार बनाएगी सरकार’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी सरकार की नीति पर सवाल उठाए। उन्होंने एक्स पर लिखा:
"जैसा कि पहले से अंदेशा था, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले डॉ. मोहन यादव सरकार एक बार फिर 6000 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेने जा रही है। यह झूठे प्रचार-प्रसार और निवेश के खोखले दावों को उजागर करेगा।"
GIS से पहले 6000 करोड़ रुपये का कर्ज
सरकार 20 फरवरी को तीन अलग-अलग हिस्सों में यह कर्ज लेगी, जिसकी भरपाई 12, 15 और 23 वर्षों की अवधि में की जाएगी।
‘बेरोजगारी, बिगड़ती कानून व्यवस्था चिंता का विषय’
कमलनाथ और पटवारी, दोनों नेताओं ने प्रदेश में बेरोजगारी, खराब कानून-व्यवस्था और आर्थिक अस्थिरता को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश सरकार निवेश और रोजगार बढ़ाने की दिशा में प्रयास करती, तो कर्ज लेने की नौबत नहीं आती।
क्या कहती है सरकार?
सरकार की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, राज्य सरकार का दावा है कि यह कर्ज विकास कार्यों और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए लिया जा रहा है।
प्रदेश की जनता के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या बार-बार लिया जा रहा कर्ज प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा या फिर आने वाले समय में यह संकट और गहरा होगा?
अमित जोशी ( संपादक ) सतपुड़ा खबर, 8962184030
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