पीएचई विभाग में बड़ा भ्रष्टाचार: ठेकेदारों को बिना काम किए ही करोड़ों का भुगतान!
✍ अमित जोशी (संपादक)
सतपुड़ा खबर,छिंदवाड़ा,
(8962184030)
छिंदवाड़ा जिले में जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। पीएचई विभाग के अधिकारियों ने निर्धारित समय-सीमा में काम पूरा किए बिना ही ठेकेदारों को भुगतान कर दिया। तामिया विकासखंड में इस योजना के नाम पर सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां ठेकेदारों ने 1 करोड़ रुपए का भुगतान लेने के बाद भी काम अधूरा छोड़ दिया।
बिना काम के ही करोड़ों का भुगतान!
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कई ठेकेदारों को बिना किसी ठोस कार्य के ही भुगतान कर दिया गया। इस गड़बड़ी में तत्कालीन सब इंजीनियर की मिलीभगत भी सामने आई है। भ्रष्टाचार से अर्जित धन के दम पर वह प्रमोशन लेकर जुन्नारदेव में एसडीओ बन चुका है, जहां अब भी ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
छिंदवाड़ा जिले के परासिया, जुन्नारदेव, हर्रई, अमरवाड़ा और मोहखेड़ विकासखंडों में जल जीवन मिशन के तहत हुए कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। अधिकांश जगहों पर ठेकेदारों ने बेहद घटिया सामग्री का उपयोग किया, जिससे नई पाइपलाइनें कुछ ही महीनों में लीक हो गईं।
जल जीवन मिशन के तहत कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) का भी भारी घोटाला सामने आ रहा है। पीएचई विभाग के अधिकारी कलेक्टर तक को गुमराह कर रहे हैं। कई विकासखंडों में नल कनेक्शन सिर्फ कागजों में ही दिखाए गए। यहां तक कि पुराने आधार कार्ड का दोबारा उपयोग कर कनेक्शनों की संख्या बढ़ाकर झूठी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
जल जीवन मिशन के धीमे कार्यों और भ्रष्टाचार को लेकर कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने हाल ही में समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने पीएचई विभाग को निर्देश दिए थे कि एफएचटीसी प्रगति की सही तरीके से जमीनी जांच की जाए और प्रतिदिन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। अब कलेक्टर की सख्ती से पीएचई विभाग के लापरवाह अधिकारी बैकफुट पर आ गए हैं और वे कागजों में ही झूठी रिपोर्ट बनाकर जिला प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
जल जीवन मिशन में करोड़ों के इस घोटाले पर अब प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। यदि तामिया, हर्रई, अमरवाड़ा और जुन्नारदेव में जमीनी स्तर पर निष्पक्ष जांच की जाए, तो इस घोटाले का पूरा सच सामने आ सकता है। सवाल यह है कि क्या दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर कोई ठोस कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी दबा दिया जाएगा?