कमलनाथ
के सहयोगी दीपक सक्सेना बीजेपी में शामिल
कमलनाथ के खास और पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने बीजेपी जॉइन कर ली है। उन्होंने शुक्रवार रात को भोपाल स्थित बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में अपने समर्थकों के साथ बीजेपी की सदस्यता ली। सीएम डॉ. मोहन यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।
दीपक सक्सेना ने कहा कि भाजपा की नीतियां, मोदी जी का काम, अमित शाह और मोहन यादव के काम, भाजपा जो विकास कर रही है, उससे प्रभावित होकर बीजेपी में आया हूं।
कमलनाथ को लेकर दीपक सक्सेना ने कहा- मैं 44
साल से कमलनाथ का सिपाही रहा हूं। ना उनसे कोई नाराजगी है। ना ही उनके सम्मान में कोई कमी है। अभी जो व्यवस्था वहां लोकल में चल रही है। उसमें मैं अपने आप को फिट नहीं पाता हूं।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा- दीपक जहां जलता है, अंधेरा वहां हटता है। कहा जाता था कि छिंदवाड़ा हमारी वजह से चलता है, लेकिन मैं बधाई देना चाहूंगा दीपक जी, महापौर और कमलेश शाह जी को जिन्होंने छिंदवाड़ा का गौरव बढ़ाया। लोकतंत्र को अपमानित करने का काम छिंदवाड़ा में हुआ है।
सीएम ने कहा कि इन्होंने मौके पर अपनी सीट छोड़ दी, लेकिन उन्होंने मौका आने पर अपने बेटे को सीट दे दी। ऐसे उल्टे काम करने वालों को सीधा करना मोदी जी को आता है। मोदी जी जो कहते हैं, करते हैं। आज हमको कहां से कहां उठाकर मंत्री-मुख्यमंत्री बनाया। यहां योग्यता को अहमियत दी जाती है। आपका पूरा मान सम्मान बीजेपी में रखा जाएगा।
बेटे अजय सक्सेना ने 22 मार्च
को जॉइन की थी बीजेपी
दीपक सक्सेना के बेटे अजय सक्सेना ने कहा, 'यह आत्मसम्मान की लड़ाई है। 6 साल से छिंदवाड़ा में नकुलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस दिशाहीन होती जा रही है। पिता ने 45 साल कमलनाथ की सेवा की। कमलनाथ हमारे लिए सर्वमान्य थे, हैं और रहेंगे, मेरे लिए वे पिता तुल्य हैं, लेकिन 6 साल से पिता का अपमान हो रहा है, कार्यकर्ताओं
को उपेक्षित रखा जा रहा है, इसी कारण यह कदम उठाना पड़ रहा है।'
छिंदवाड़ा में दीपक सक्सेना से मिले थे CM डॉ. मोहन यादव
2018 में कमलनाथ के लिए छोड़ दिया था विधायक पद
दीपक सक्सेना पूर्व CM कमलनाथ के सबसे विश्वासनीय माने जाते रहे हैं। वे 4 बार कांग्रेस से विधायक रहे। कुल 7 बार उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा। दिग्विजय सरकार में 2 बार मंत्री रहे। 2018 में उन्होंने छिंदवाड़ा सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। कमलनाथ के लिए उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में हुए उपचुनाव में कमलनाथ छिंदवाड़ा से जीतकर मुख्यमंत्री पद पर बने रहे थे। कमलनाथ सरकार में प्रोटेम स्पीकर रहे। कॉपरेटिव बैंक के दो दशक चेयरमैन भी रह चुके हैं।