शनिवार, 3 अगस्त 2024

विद्यालयों में बच्चों का ड्रॉपआउट कम करने पर कार्यशाला: सीएम मोहन यादव बोले

 विद्यालयों में बच्चों का ड्रॉपआउट कम करने पर कार्यशाला: सीएम मोहन यादव बोले, "सत्ता से बड़ी शिक्षा, शिक्षा से सुधरता है जीवन"



अमित जोशी, 'सतपुड़ा खबर' भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "सत्ता से बड़ी कुर्सी, कुर्सी से बड़ी शिक्षा और शिक्षा से व्यक्ति का समग्र जीवन सुधरता है।" उन्होंने राजधानी के एक निजी कॉलेज में आयोजित क्षेत्रीय कार्यशाला में कहा कि प्रदेश में किसी भी बच्चे को ड्रॉपआउट का शिकार नहीं होने दिया जाएगा और इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री की बातों का सार:

मुख्यमंत्री यादव ने शिक्षा को अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने वाली शक्ति बताया और कहा कि गुरु की महानता और शिक्षा की संस्कृति हमारे देश में अद्वितीय है। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा और ज्ञान के माध्यम से ही व्यक्ति अपने जीवन में सुधार ला सकता है।



राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का संबोधन:

प्रियंक कानूनगो ने कार्यशाला में शिक्षा के लिए प्रेरणा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने रायसेन की शराब फैक्ट्री में बच्चों से काम कराने के मामले का जिक्र किया, जहां 59 बच्चों को मुक्त कराया गया था। इसके अलावा, उन्होंने एक एनजीओ द्वारा बच्चों के धर्मांतरण के प्रयासों के खिलाफ की गई कार्रवाई का भी उल्लेख किया।

बाल श्रमिकों के लिए श्रम मंत्री का संकल्प:

श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने कार्यशाला में आश्वासन दिया कि मध्य प्रदेश को बाल श्रमिक मुक्त बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को समर्पण और अच्छी नीयत के साथ काम करना होगा ताकि बाल श्रमिकों को शिक्षा से वंचित न किया जाए। इसके लिए एक नई समिति बनाई जाएगी और एक विशेष अभियान चलाया जाएगा।

कार्यक्रम के दौरान लिफ्ट में फंसे दो युवक:

इस कार्यक्रम के दौरान एक अजीब घटना घटी, जब कॉलेज की लिफ्ट में खराबी आने के कारण दो युवक उसमें फंस गए। सीएम मोहन यादव ने भी उसी लिफ्ट का उपयोग किया था। लिफ्ट के दरवाजे को तोड़कर दोनों युवकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। यह घटना लगभग 15 मिनट तक चली।

इस कार्यशाला में छह राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया और शिक्षा में सुधार के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे बच्चों का भविष्य संवर सकता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है।

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