दिल्ली से 2.62 करोड़ की ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार
कोतवाली पुलिस को बड़ी सफलता, फर्जी दस्तावेज बनाकर की थी करोड़ों की ठगी
अमित जोशी (संपादक) छिंदवाड़ा। कोतवाली पुलिस ने दो करोड़ 62 लाख रुपये की ठगी के मामले में पंजाब और दिल्ली के दो शातिर आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अजय पांडे (IPS) के निर्देश पर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आयुष गुप्ता (IPS) और नगर पुलिस अधीक्षक अजय राणा के मार्गदर्शन तथा कोतवाली थाना प्रभारी उमेश गोल्हानी के नेतृत्व में की गई।
ऐसे रची गई ठगी की साजिश
प्रार्थी आशीष सोनी, निवासी छोटी बाजार छिंदवाड़ा ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया कि वह वर्ष 2011 से 2014 तक मर्चेंट नेवी में कार्यरत था, जहां उसकी पहचान आरोपी हरविंदर गिल से हुई थी। पिता के निधन के बाद वह नौकरी छोड़कर वापस छिंदवाड़ा आ गया। बेरोजगारी के चलते उसने आरोपी हरविंदर गिल और उसके साथी लक्ष्य शर्मा से संपर्क किया, जिन्होंने उसे इंपोर्ट-एक्सपोर्ट बिजनेस में कमीशन दिलवाने का झांसा दिया।
आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट, इनकम टैक्स विभाग, आरबीआई, वित्त मंत्रालय, ईडी, FIU, MCA जैसे शासकीय विभागों के फर्जी लेटर बनाकर प्रार्थी को मेल और व्हाट्सएप के माध्यम से भेजे। इन फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से लगातार 11 वर्षों तक झांसा देकर आरोपियों ने प्रार्थी से 2.63 करोड़ रुपये की ठगी की।
पुलिस ने बरामद किए अहम दस्तावेज
आरोपियों की पहचान हरविंदर गिल पिता पाल सिंह गिल निवासी तारणतारण, पंजाब और लक्ष्य शर्मा पिता योगेन्द्र शर्मा, निवासी सादरा, दिल्ली के रूप में हुई है। दोनों को दिल्ली से गिरफ्तार कर छिंदवाड़ा लाया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन, चार चेक (मूल्य 71 करोड़ रुपये), बैंक पासबुक और फर्जी दस्तावेज जब्त किए हैं।
इस टीम ने निभाई अहम भूमिका
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी उमेश गोल्हानी, उप निरीक्षक नारायण सिंह बघेल, प्रधान आरक्षक युवराज रघुवंशी, रविंद्र ठाकुर, आरक्षक सागर मर्सकोले तथा साइबर सेल के प्रधान आरक्षक नितिन सिंह की अहम भूमिका रही।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर आगे की वैधानिक कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। पुलिस अब आरोपियों के आपराधिक नेटवर्क और अन्य पीड़ितों की भी जांच कर रही है।